राष्ट्रीय होम्योपैथी मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (रा.हो.मा.स्वा.अ.सं)
राष्ट्रीय होम्योपैथी मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (रा.हो.मा.स्वा.अ.सं), जो पहले केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान, कोट्टयम के नाम से जाना जाता था; भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (के.हो.अ.प) का एक संस्थान है जो पिछले 46 वर्षों से रोगियों को गुणवक्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहा है और साथ हीं नैदानिक अनुसंधान, विशेष रूप से मनोचिकित्सा का संचालन कर रहा है। यह भारत का एकमात्र संस्थान है जो के.हो.अ.प के तहत अंतः रोगी विभाग से युक्त मनोरोग संबंधी विकारों का उपचार होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति द्वारा प्रदान करता है।
यह संस्थान सन् 1974 में होम्योपैथिक अनुसंधान और शिक्षा के विकास के लिए केरल में स्थापित किया गया था। परम पावन स्वामी अथुरादास द्वारा सन् 1968 में पूर्ववर्ती स्थापित होम्योपैथिक अनुसंधान केंद्र को केन्द्रीय भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (के.भा.चि.हो.अ..प) ने सन् 1973 में अपने नियंत्रण में ले लिया और सन् 1974 में केरल सरकार की सहायता से 25 बेड की अंतः रोगी विभाग के सुविधा से युक्त सहायता अनुदान के रूप में क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई। सन् 1978 में जब केन्द्रीय भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी अनुसंधान परिषद को विघटित कर के केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय युनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद और केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद की स्थापना की गयी, तब यह संस्थान के.हो.अ.प के अंतर्गत आ गया।
सन् 1982 में इसे केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान के रूप में उन्नत किया गया जिसमें 50 बेड के अंतः रोगी विभाग की सुविधा उपलब्ध थी। साल 2009 में, संस्थान ने केरल सरकार द्वारा आवंटित 1.78 एकड़ भूमि में निर्मित अपने नए भवन में काम करना शुरू कर दिया। बाद में राज्य सरकार ने संस्थान के विस्तार और विकास के लिए 7.37 एकड़ अतिरिक्त भूमि आवंटित की।
गुणवक्ता अनुसंधान गतिविधियों के साथ-साथ होम्योपैथी में शैक्षणिक मानकों में सुधार के लिए सन् 2016 में इस संस्थान द्वारा शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गयी और इसे राष्ट्रीय होम्योपैथी मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (रा.हो.मा.स्वा.अ.सं) के रूप में उन्नत किया गया। संस्थान को मनोचिकित्सा और आयुर्विज्ञान अभ्यास (प्रैक्टिस ऑफ़ मैडिसिन) में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, पीएच.डी. पाठ्यक्रम और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम को आयोजित करने का अधिकार दिया गया। पीएच.डी. और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम अनुमोदन प्राप्त करने के लिए विचारधीन हैं।